Study of Cell

   

                                                                                                                                                                                                                              *कोशिका  सभी सजीवों अथवा जीवन के आधारभूत संरचना एवं क्रियात्मक इकाई है। कोशिका जीव द्रव्य से बनी संरचना होती है और इस जीव धर्म में कई कार्बनिक तथा कार्बनिक यौगिक उपस्थित रहते हैं। सजीवों की कोशिका एक समान नहीं होती हैं। अलग सजीवों की कोशिका जाकर स्वरूप तथा संख्या में एक दूसरे में काफी भिन्न होते हैं। संसार की सबसे छोटी कोशिका माइक्रो प्लाज्मा गैली सेप्टिकम हैं। से बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग का अंडा है। शरीर की सबसे बड़ी कोशिका अंडाणु है। की सबसे लंबी कोशिका न्यू‌रान हैं।‌‌                             * कोशिकाओं का आकार एवं आकृति कैसी होगी या कोशिका के कार्यों पर निर्भर करता है अर्थात अलग-अलग कार्य करने वाले कोशिकाओं का आकार एवं आकृति एक दूसरे से भिन्न होती है।                                         *कोशिका अपना आकार पल-पल बदलते भी रहते हैं अमीबा तथा मनुष्य का WBC कोशिकाओं का आकार निश्चित नहीं रहता है यह दोनों की ही कोशिका अपना आकर बदलते रहती है।                                          *सभी सजीवों  में कोशिका की संख्या भी एक समान नहीं होती है कोशिका के संख्या के आधार पर सजीवों को दो समूह में रखा गया है।1. एककोशिकीय 2. बहुकोशिकीय।             *जब जीवों के शरीर केवल एक ही कोशिका निर्मित होता है वह एक कोशिकीय जीव कहलाते हैं यह जीव आंखों से दिखाई नहीं पड़ते हैं इन्हें देखने हेतु सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता पड़ती है।उदाहरण -सूक्ष्मजीव।       *वैसा जीव जिसका शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उसे बहुकोशिकीय जीव कहते हैं।                               । *कोशिका का विकास क्रम*।             *1590 में जैड जैनसेन तथा एच  जैनसेन ने माइक्रोस्कोप की खोज की और इसके साथ ही कोशिका अध्ययन का मार्ग खुल गया।         *1665 ईस्वी में रोबोट हुक ने अपनी द्वारा बनाए गए माइक्रोस्कोप से कोशिका की खोज की कोशिका का नामांकन भी रोबोट हो के द्वारा किया गया।                                        *हिंदी शब्द से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा कैमरा रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज कोर्ट के टुकड़े में किया था । रॉबर्ट हुक द्वारा खोजा गया कोशिका मृत कोशिका था।     *1683 ईस्वी में ल्यूवेनहा़क द्वारा सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज की गई ल्यूवेनहा़क ने पहले की तुलना में उन्नत माइक्रोस्कोप द्वारा जीवित कोशिका के रूप में जीवाणु  प्रोटोजोआ आरबीसी कोशिकाओं को देखा।      *1631 ईस्वी में रोबोट ब्राउन ने कोशिका के मध्य एक गोल संरचना देखी जिसका नाम उन्होंने केंद्रक नाम दिया।                              *1638-39 में जैकब स्लाइडेन तथा स्वान ने कोशिका मतवाद प्रस्तुत की जिसके बाद यह स्पष्ट हो पाया कि प्रत्येक संजीव का शरीर कोशिकाओं से निर्मित है।                                *1639 ईस्वी में पुरकिंजे ने कोशिका में पाए जाने वाले अर्द्ध तरल एवं दानेदार पदार्थ को जीव द्रव्य नाम दिया।                               *1846 ईस्वी में पुरकिंजे के बाद वान मोल ने कोशिका में पाए जाने वाले जीव द्रव्य की खोज की।                                       ‌‌

  *1855 ईस्वी में रुडोल्फ विरचाव ने यह पता लगाया कि नए कोशिका का निर्माण पहले मौजूद कोशिकाओं के विभाजन के फल स्वरुप होता है।                                             *1861 ईस्वी में मैक्स शूल्ज ने कोशिका को जीव द्रव्य का एक पिंड बताया उनका यह मतलब प्रोटेप्लाज्म थ्योरी कहलाता है।              *1931 ईस्वी में नाल तथा ई रस्का ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का आविष्कार किया इसके बाद कोशिका के क्षेत्र में काफी तीव्र गति से अनुसंधान होने लगा।                              । *कोशिका की संरचना*।                     *कोशिका को मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा जा सकता है कोशिका झिल्ली और कोशिका द्रव्य।                                           *जीव द्रव्य को पुनः दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक।        ।  *कोशिका झिल्ली*।                              *प्रत्येक।   कोशिकाओं के चारों ओर बहुत ही पतली जीवित मुलायम तथा लचीली झिल्ली होती है जो कोशिका झिल्ली कहलाता है यह लगभग 75 अंगस्ट्रोम मोटा होता है।         *कोशिका झिल्ली कोशिका को दूसरी कोशिका तथा बाहरी वातावरण से अलग करती है।                                                    *कोशिका झिल्ली अर्द्ध पारगम्य या चयनात्मक पारगम्य होती है क्योंकि इस झिल्ली से होकर कुछ ही पदार्थ कोशिका के अंदर बाहर आ जा सकते हैं सभी पदार्थ नहीं।     *कोशिका झिल्ली लिपिड और प्रोटीन की बनी होती है इस झिल्ली में दो परत प्रोटीन की तथा इसके बीच एक परत वासा की होती है कोशिका झिल्ली के संबंध में तरल मोजाइक मॉडल सिंगर तथा निकल सैन ने दिया था।          ।*कोशिका झिल्ली के प्रमुख कार्य*।          *यह कोशिका को निश्चित आकृति देता है तथा कोशिका के भीतरी संरचनाओं को बाहरी आघात से बचाता है।                                    *यह कोशिका के अंदर जाने तथा बाहर आने वाले पदार्थ पर नियंत्रण रखता है।             *एक कोशिकीय जीवो में कोशिका झिल्ली द्वारा ही सिलिया प्ले जिला तथा कूट पाद का निर्माण होता है।                                  ‌।           *कोशिका द्वारा होने वाले परासरण तथा विसरण की क्रिया कोशिका झिल्ली द्वारा संपन्न होती है।                                  ‌‌ ‌‌               ।*  कोशिका भित्ति*।                          *पौधा तथा कवक में कोशिका झिल्ली के बाहर एक और परत होती है जो कोशिका भित्ति कहलाती है। कोशिका भित्ति कोशिका झिल्ली के तरह ना तो जीवित झिल्ली है और ना ही अर्द्ध पारगम्य।                                     *कोशिका भित्ति तीन परतों का बना एक मोटा भित्ति है पौधा को कोशिका भित्ति सैलूलोज तथा हेमी सैलूलोज की बनी होती है तथा कवकों की कोशिका भित्ति कई तीन तथा हेमी सैलूलोज की बनी होती है।                          । * कोशिका भित्ति का प्रमुख कार्य*।         *यह भित्ति पौधे के कोशिका की रक्षात्मक परत है जो कोशिका को निश्चित आकार मजबूती तथा सुरक्षा प्रदान करती है।                   *यह कोशिका को सूखने से बचाता है एवं विभिन्न कोशिकाओं को जोड़ने का कार्य करता है।                                                    *कोशिका भित्ति एक निर्जीव संरचना है जो  पारगम्य में होता है और यह कोशिका झिल्ली को भी सुरक्षा देता है।                             । * कोशिका द्रव्य*।                                 *जीव द्रव्य का वह भाग जो केंद्र तथा कोशिका झिल्ली के मध्य होता है उसे ही कोशिका द्रव्य कहा जाता है।                              *कोशिका द्रव्य रंगहीन अर्थ पारदर्शक तथा अर्ध तरल पदार्थ है यह एक प्रकार का कोलाइड है जिसमें 80% तक जल होता है ।             *जल के अलावे जीव द्रव्य में लगभग 30 तत्व पाए जाते हैं जिनमें ऑक्सीजन कार्बन हाइड्रोजन नाइट्रोजन मुख्य है ।                      *कोशिका द्रव्य में कई जीवित तथा कार्य करने वाले रचनाएं मौजूद रहती है जिसे कोशिका अंगक कहते हैं।  

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